भारतीय रेलवे के 7 नियम जो आपको जरूर जानने चाहिए ।
भारत में ट्रेन से यात्रा सबसे ज्यादा किया जाता है। लेकिन क्या आप ट्रेन के महत्वपूर्ण नियम जानते हैं (Seven railway rules you should know)। उदाहरण के लिए, आप कितना सामान ले जा सकते हैं या आप मध्य बर्थ पर कितनी देर तक सो सकते हैं। टिकट की वैधता और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस शुल्क को लेकर भी नियम हैं। इनका पालन न करने पर रेलवे को भारी जुर्माना अदा करना पड़ सकता है।
1-लगेज की लिमिट
ट्रेन में भी लगेज ले जाने की एक लिमिट है, ठीक वैसे ही जैसे हवाई जहाज में होती है। रेलवे ने हर कोच के हिसाब से सामान की एक लिमिट तय की है। जैसे आप स्लीपर क्लास मे सफर कर रहें हैं तो 40 किलो तक का सामान अपने साथ ट्रेन के डिब्बे में रख सकते हैं। एसी टू टीयर में इसकी सीमा 50 किलो है। फर्स्ट क्लास एसी में आप सबसे ज्यादा 70 किलो तक का सामान अपने साथ ले जा सकते हैं। इससे ज्यादा सामान है तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
2-चार्जिंग सॉकेट रूल
ट्रेन में चार्जिंग सॉकेट सिर्फ मोबाइल चार्ज करने के लिए होता है। प्लग के पास यह साफ अक्षरों मे लिखा होता है। लैपटॉप, पावर बैंक, चाय बनाने वाली केतली या कोई और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट चार्ज करने पर जुर्माना लग सकता है। ऐसा इसलिए है कि, लैपटॉप चार्जर को 110/220V की पावर चाहिए होती है जबकि ट्रेन वाला प्लग इसका आधा पॉवर का ही होता है।
3-टिकट की वैधता
अगर आपके बोर्डिंग स्टेशन से आप ट्रेन मे नहीं बैठते हैं, तो अगले दो स्टेशन तक ही आपकी टिकट वैध होगी। यानी आपकी ट्रेन छूट गई या आपने अगले स्टेशन से ट्रेन पकड़ने का फैसला किया है, तो आप आगे के दो स्टेशन तक ट्रेन मे बैठ सकते हैं। इसके बाद TTE उस टिकट को किसी और सवारी को दे देंगे।
4-मिडिल बर्थ रूल
मिडिल वाली बर्थ के ऊपर सोने का समय रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक है। इसके बाद आपको मिडिल बर्थ को फोल्ड कर देना होगा। अगर आपके पास लोअर बर्थ या अपर बर्थ है तो आप तय सीमा से ज़्यादा सो सकते हैं।
5-सफर जारी रखें
जब आपको अपने आखिरी स्टेशन तक का टिकट नहीं मिल रहा हो तो आप एक या दो स्टेशन पहले का टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद ट्रेन में TTE से कहकर आप आगे के स्टेशन का टिकट ले सकते हैं। लेकिन सीट या बोगी वही हो, ये जरूरी नहीं।
6-चेन पुलिंग
अगर आपने भारत में ट्रेन में यात्रा की है, तो आपने आपातकालीन अलार्म चेन देखी ही होगी। भारतीय रेलवे के नियम के अनुसार आप अलार्म चेन को केवल आपातकालीन स्थिति में ही खींच सकते हैं। जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, खतरा, दुर्घटना, या अगर कोई बच्चा, बुज़ुर्ग या विकलांग व्यक्ति या साथी ट्रेन से छूट गया हो।
7-खाद्य पदार्थों की कीमत
अगर आपने बसों या हवाई जहाज़ों में यात्रा की हैं, तो आपने देखा होगा कि उत्पादों की कीमतें उनकी MRP से बहुत ज़्यादा होती हैं।, ट्रेनों में ऐसा नहीं है। ट्रेनों में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों जैसे स्नैक्स, भोजन और पेय पदार्थों के मूल्य निर्धारण के बारे में नियम तय किए हैं। यदि कोई विक्रेता MRP से ज़्यादा पैसे लेता है तो, उसकी रिपोर्ट की जा सकती है। जिसके बाद उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है या उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
इन नियमों को जानकर आप ट्रेन का सफर आसान बना सकते हैं।