पड़ोसी देश पाकिस्तान के लेखक और पत्रकार तारिक फतेह का सोमवार के दिन निधन हो गया 73 साल के तारिक फतेह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे उनकी मृत्यु की जानकारी उनकी ही बेटी ने ट्वीट करके दी तारिक साहब का जन्म 1949 में पाकिस्तान के कराची में हुआ था हालांकि उनके दिल में भारत और भारत की मिट्टी बस्ती थी। पाकिस्तान के इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जो हमेशा हिंदुस्तान के पक्ष पर ही बोलते थे और हिंदुस्तान को समझते भी थे। उनका इस तरह जाना हिंदुस्तान के लिए काफी क्षति हुई है।
Lion of Punjab.
Son of Hindustan.
Lover of Canada.
Speaker of truth.
Fighter for justice.
Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.Will you join us?
1949-2023 pic.twitter.com/j0wIi7cOBF
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
उनके जाने की न्यूज़ उनकी अपनी बेटी नताशा ने ट्वीट कर लिखा कि पंजाब के शेर हिंदुस्तान के बेटे कनाडा के प्रेमी तथा सत्य के पक्षधर का निधन हो गया
तारिक साहब हमेशा अपनी बात लाचारिता के साथ रखने के लिए जाने जाते थे। पाकिस्तान और आतंकवाद बयानों को लेकर वह हमेशा चर्चा में रहा करते थे वह हमेशा धार्मिक कट्टरता के खिलाफ रहे वही तारीख फतेही अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं हिंदुस्तान का बेटा हूं इसलिए हिंदुस्तान गाता हूं
दिल में बसाके हिंदुस्तान का प्यार छोड़ कर चले गए तारिक फतेह उन्होंने भारतीय संस्कृत के गाथा पूरी दुनिया में गाया करते थे। यही कारण है कि उनको हमेशा पाकिस्तान में खतरा महसूस होता था वो 1987 में कनाडा चले गए कनाडा जाने के बाद वह वही के हो गए धार्मिक कट्टरता को लेकर वह हमेशा ही बेहद बेबाकी से अपनी राय रखते थे
उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी काफी राय लोगों को दी थी , जबरजस्त सोशल मीडिया के फैन भी रहे उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना एक परिवार ही बना लिया था । वह हमेशा कट्टरपंथी धार्मिक कट्टरपंथी के खिलाफ ही रहे हैं न्याय और श्रद्धा और इमानदारी से वह अपनी बात सामने रखते थे शायद यही कारण है कि उनके विरोधी भी बढ़ गए थे।
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