हमने अक्सर यही सुना है कि छोटा परिवार खुशहाल परिवार। अक्सर हमें यही कहा जाता है कि जितना छोटा परिवार होगा उतना ही खुशियां होंगी। पर मध्य-प्रदेश के खरगोन में कुछ ऐसा देखने को मिला है. जिससे यह कहावत झूठी साबित हो गई. और यह साबित हो गया है कि खुश रहने के लिए छोटा परिवार नहीं बल्कि परिवारों में प्रेम होना आवश्यक है। फिर चाहे परिवार छोटा हो या बड़ा दोनो स्थिति में खुशियां रहेगी।
ग्राम देवड़ा में एक संयुक्त परिवार रहता है जिसमें प्रेम आदर इज्जत सम्मान एकता की अखंडता को दर्शाती है, इस परिवार का कोई भी सदस्य अपने मुखिया से अलग नहीं रहना चाहता, संस्कार और शिक्षा का एक ऐसा जीता जागता उदाहरण। जिसे देखने और सुनने के बाद हर कोई यह सोच रहा है कि काश हमारे परिवार में यह क्यों नहीं. अक्सर ऐसा ही होता है कि हमारे परिवार के सदस्य अपनी अलग अलग राह पर लग चल देते हैं। जो कभी एक बड़ा परिवार रहा होगा अब वह बिखर कर छोटा हो गया होगा। पर खरगोन के ग्राम देवड़ा का यह परिवार बहुत कुछ दर्शाता है. इस परिवार की संख्या इतनी बढ़ रही है अब इस परिवार का घर कॉलोनी में तब्दील हो गया है.
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इनके घरों में छोटे-छोटे कमरे एक ही परिवार के अलग-अलग लोग प्रेम भाव से रहते हैं। इस परिवार के मुखिया सहित 76 लोग हैं। इनका कार्य खेती-बाड़ी करना तथा परिवार के सदस्य लोग शाम को एक साथ एक ही आंगन में बिताते हैं। यह सब देख के आसपास लोगों को बेहद ही अच्छा लगता है. बामणिया परिवार का एक हालिया बुजुर्गों के आशीर्वाद और बच्चों की किलकारी से मगन रहता है
इस परिवार की 70 वर्षीय नबली बाई मुखिया का फर्ज अदा कर रही है, इन की 9 बेटियों में से दो बेटियों की शादी हो गई है, शेषा भाइयों का परिवार एक बड़े कुनबे के रूप में यहां निवास करता है। वक्त दर वक्त बीतता गया और वक्त के हिसाब से एक ही स्थान पर अलग-अलग व्यवस्थाएं हुई परंतु एक ही छत के नीचे सुख-दुख बांटते हैं। यह परिवार कभी टूटे ना इसको लेकर विश्व परिवार दिवस के अवसर पर यह परिवार हमेशा संकल्प भी लेते रहते हैं।
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फैमिली में 35 बेटियां और ग्यारह बेटे
इस परिवार की मुखिया नवली बाई का कहना है। कि हम कभी भी अलग नहीं हो सकते कुल 76 सदस्यों में 35 बेटियां तथा 11 बैठे हैं। सभी बेटे अध्ययनरत्न है। वॉइस परिवार के मुखिया काफी प्रसन्न रहते हैं कि तीज त्यौहार में पूरा परिवार एक साथ रहता है।
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40 एकड़ जमीन के हिसाब से स्वयं के सभी संसाधन यह परिवार जुटा रहे हैं। बहुए भी घर के कामकाज को संभालती है साथ ही पतियों के भी काम को बटाती हैं, परिवार की एकजुटता की मिसाल इस बात से साबित होती है कि किस भाई की कौन सी संतान है। इसका आकलन लगा पाना मुश्किल होता है। यकीनन यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा परिवार है