MP News: इस महिला और बच्चों के लिए टूट पड़ा पूरा प्रशासन; डोल गई सरकार. कलेक्टर ने कहा सारी सरकारी योजना दो इन्हे
इन दिनों पूरे देश में भीषण गर्मी से लोगों समस्याएं बढ़ गई हैं ऐसे में लोग बचने के लिए कई तरह के चीजें खा पी रहे हैं इसके साथ ही मौसम विभाग भी लू से बचने के लिए कई तरह की एडवाइजरी भी जारी कर चुका है वही विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश का भी बुरा हाल है एल. ऐसे में मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिस तस्वीर ने सभी का दिल झकझोर के रख दिया
एमपी के श्योपुर जिले की वायरल फोटो में एक बेबस मां और उसके तीन मासूम बच्चे। इन चारों की बेबसी ऐसी है कि भीषण गर्मी कोई भी व्यक्ति सड़क पर नंगे पांव चल दे तो पैरों पर लाल लाल छाले पड़ जाए। पर एक बेबस मां अपने जिगर के टुकड़ों को इस भीषण गर्मी और तपति सड़क पर नंगे पैरों में पॉलिथीन बांधकर चला रही है।
रीवा सीधी सतना सिंगरौली सहित अन्य लोगो को मिल सकता है. सोलर पैनल योजना में सब्सिडी वह भी फ्री में
पति के इलाज के लिए संघर्ष करती पत्नी
पति सेवा क्या है भारत में देखा जा सकता है दरअसल. शिवपुर जिले की आदिवासी विकासखड कराहल से अपने पति का इलाज कराने 3 बच्चों की मां श्योपुर आई थी बताया गया कि रविवार के समय की दोपहर सड़क पर चिल्लाती धूप में अपने बच्चों के पैरों पर पन्नी बांधकर घूम रही थी
बच्चों के पैरों पर चप्पल नहीं
महिलाओं की उन्नति के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। मगर इन मासूम के पैरों में चप्पल भी नहीं. एमपी के शिवराज सरकार अपने तमाम दावे करती है. और कहती है कि उनकी योजना का लाभ समाज के हर एक तबके को मिल रहा है। जब ऐसा है तो ऐसी तस्वीरें क्यों
सरकारी योजनाएं देने का निर्णय
इस तपती धूप में बच्चों के पांव में न तो चप्पल है और ना ही जूते। तपती धूप में बच्चों के पांव न जले इसलिए पैरों पर में पॉलिथीन पहना कर बाजार में हाथ पकड़े चल रही। प्रशासन ने महिला का पता लगाकर उसे सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने का फैसला किया। कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर प्रशासन के अमले ने हर गांव हर ब्लॉक में महिला की खोजबीन शुरू कर दी। इस तलाशी अभियान में महिला शहरी क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 8 के झुग्गी बस्ती में रहने की जानकारी प्राप्त हुई
ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के निर्देश
जिले के कलेक्टर के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर ममता व्यास और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाटव ने संबंधित परिवार से जानकारी लेकर प्रशासन को हालत के बारे में अवगत कराया तो वही कलेक्टर ने सरकारी योजनाओं के ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के निर्देश दिए
महिला और बच्चों को ढूंढने का अभियान
इस फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बच्चों और महिला महिला की तलाश शुरू करने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा ने प्रशासन को निर्देश दिए तथा अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों के कामकाज के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप पर फोटो डालकर महिला की तलाश आने को कहा वह पूरे दिन की एक काफी मशक्कत करने के बाद महिला के वार्ड नंबर आठ टेलीफोन एक्सचेंज के लिए झोपड़ी होने की पुष्टि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पिंकी जाट ने की
मां कर रही थी मजदूरी बीमार पिता के साथ रहे बच्चे
वहीं प्रशासन की खोजबीन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तस्दीक के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा तथा बच्चों को लेकर घूम रही महिला घर पर नहीं मिली। लेकिन घर में दो बच्चे काजल 6 वर्ष खुशी 4 वर्ष के साथ पिता सूरज आदिवासी घर पर ही मिला। सूरज आदिवासी ने बताया कि मैं टीबी रोग से परेशान हूं जिससे मजदूरी को नहीं जा पाता वही घर का खर्चा उसकी पत्नी रुक्मणी आदिवासी मजदूरी करके चला रही।
उसने बताया कि रुकमणी आज ही मजदूरों के लिए 1 वर्षीय मयंक को लेकर राजस्थान के जयपुर चली गई. वही पति सूरज ने पूरी जानकारी बताएं कि बीपीएल राशन कार्ड नहीं है जिसमें उसे बाजार से महंगे दामों में गेहूं का आटा खरीदना पड़ता है