Mauganj News: 17 वर्षीय इस आदिवासी युवक कि नहीं है आंखों की रोशनी, 8 वर्षों से लेटा है मृत्यु सैया पर. मांगी मऊगंज प्रशासन से मदद
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Mauganj News: 17 वर्षीय इस आदिवासी युवक कि नहीं है आंखों की रोशनी, 8 वर्षों से लेटा है मृत्यु सैया पर. मांगी मऊगंज प्रशासन से मदद
सपने भले ही बंद आंखों से देखे जाते हो, पर पूरे तभी होते हैं जब उनसे दिखाई देता हो, ऐसे ही इंद्रजीत कोल का सपना है, कि वह पढ़ेगा, खेलेगा, परिवार के पास आंखे है, पर वह कुछ कर नहीं पा रहे, दरअसल, ये मामला नया जिला मऊगंज का , जहां हनुमना तहसील अंतर्गत ग्राम पांती मिश्रान में एक 17 वर्षीय आदिवासी युवक मृत्यु सैया पर अपने दिन गिन रहा, परिवार कह रहा ना भगवान बुला रहे ना ठीक कर रहे, एक परिवार , एक पिता अमूमन अपने संतान के लिए ऐसा कभी नहीं बोलेगा, क्योंकि ये पिता ये परिवार लाचारियों के दुर्दशा में फद गए है, उनके पास पैसे नहीं, सक्षम नहीं है, जब चारों तरफ के दरवाजे बंद पाए तो बेटे को दहलीज में सीमित कर लिए और भगवान भरोसे छोड़ दिए, फिर भी रह रह के आस जगती जाती है, जब उन्हें पता चलता है कि हमारे जिला में कोई अच्छे कार्य करने वाले आ गए जो हमारी सुनेंगे, तब यह आवाज उठाते है, बरहाल पिता ने एक बार फिर हाथ जोड़ पुकार मऊगंज प्रशासन और शासन से लगाई है,
क्या है ये पूरा मामला
मऊगंज जिला के हनुमना तहसील अंतर्गत ग्राम पांती मिश्रान (प्लाट आदिवासी बस्ती) में एक ऐसा युवक है, जो अपना पूरा बचपन अंधेरे के साए में गुजार दिया, अब नौजवानी देख परिवार जनों को चिंता खाए जा रही है, दरअसल, इंद्रजीत कोल पिता भोला कोल पांती मिश्रान के निवासी है, पीड़ित इंद्रजीत कोल की उम्र महज 17 वर्ष है, 2015 में वह आखिरी बार अपनी आंखो से कुछ देख पाया था, फिर वह अंधा हो गया, 2015 में उसकी तबियत खराब हुई, घर वालों ने उसको पहले प्राथमिक उपचार कराया जिसके बाद उसकी हालत खराब होती जा रही थी, फिर पिता भोला कोल उसे प्रयागराज, रीवा , मिर्जापुर दिखाया जहां के डॉक्टरों ने बताया तुम्हारे बेटे के दिमाग में गांठ बन गई है, पर तुम इसका इलाज नहीं करा पाओगे, जिसके बाद भोला रीवा भी ले आया वहा के डॉक्टर भी ठीक नहीं कर पाए, इसी लिए जितनी जमा पूंजी थी सब मिलाकर प्राइवेट अस्पताल ले गए वहां भी ठीक नहीं हुआ, सरकार से भी मदद मांगी, विधायक से भी कहा, पर वहा भी निराशा हाथ लगी, तब थक हार कर सब बंद करा दिए, 2015 से लेकर 2023 तक वह मृत्यु सैया पर आखिरी लम्हे और ख्वाबों के साथ जी रहा है,
पिता ने कहा हमारा कोई नहीं
भोला कोल ने कहा हमने अपने बेटे का इलाज चारों तरफ अपनी हैसियत से कराया पर कही भी राहत नहीं मिली, कही राहत दिखती भी तो हैसियत से अधिक पैसे की मांग की जाती इस लिए थक हार के बैठ गया, उन्होंने बताया कि 2015 से वह निरंतर बीमार चलने लगा, डॉक्टर को दिखाया तो बोले सिर में गांठ बन गई है, पर तुम इसका इलाज नहीं करा पाओगे, कुछ दवाएं दे रहे सुबह शाम खिलाओ, जिसके बाद भोला का रुख नेता की तरफ चला, पर वहा से उनको राहत नहीं मिली, पूर्व सरपंच से कहा तो उनके बस का कुछ नहीं दिखा, राह ताकते ताकते अब भोला कोल के बेटे इंद्रजीत कोल की आंखों की रोशनी चली गई, और वह अंधा हो गया, पिता ने अब मऊगंज प्रशासन से हाथ जोड़ के मदद मांगी है,
पीड़ित 17 वर्षीय इंद्रजीत ने क्या कहा
जब हमारे द्वारा इंद्रजीत से सवाल किया गया तो उसने कहा मुझे पढ़ने और खेलने का मन करता है। पर आंख नही दिखती तो क्या करें, मेरा इलाज कराए,, आपको बता दें इंद्रजीत को दिखाई नहीं देता,, शरीर में झटके आते है,, सिर में गांठ है, और अच्छी जिंदगी जीने की आश है, उसने और पिता ने मदद मांगी है,