चुनाव लड़ने का हौसला, 31 बार हारे, अब 32वी बार ठोकी ताल, जानिए 78 साल के तीतर सिंह का हाल
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Rajsthan Assembly election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में श्रीगंगानगर जिले के करणपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे 78 वर्षी तीतर सिंह इन दिनों सुर्खियों में है, निर्दलीय प्रत्याशी तीतर सिंह अब 31 बार चुनाव लड़ चुके है, अब 32वी बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वह जीवन यापन के लिए मजदूरी का कार्य करते हैं जिसमें उन्हें दिन के ₹260 मिलते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीतर सिंह को लोगों का दिल और वोट जीतने का भरोसा है. वह हमेशा से कहते हैं मुझे वोट देना लोगों की पसंद पर निर्भर करता है अगर वह मुझे अपनी प्रतिनिधि के रूप में देखना चाहते हैं तो मुझे वोट देंगे
पूरी खबर नीचे है…
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अब तक कई बार विधानसभा चुनाव में तीतर सिंह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए हैं ,लेकिन उनका हौसला सातवें आसमान पर रहता है, उनका कहना है कि “मैं चुनाव लड़ना जारी रखूंगा क्योंकि मैं किसी पार्टी या लोगों तक ही सीमित नहीं हूं आम लोग भी राजनीति में उतर सकते हैं. मैं गरीब और गैर प्रतिनिधित्व वाले के लिए खड़ा रहता हूं”.
MGNREGA से मिलने वाली मजदूरी पर हैं निर्भर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीतर सिंह चुनावी हलफनामे के अनुसार वह करणपुर के गुलाबेवाला गांव के रहने वाले है, उनके पास कुल संपत्ति ₹2500 थी. जिसे उन्होंने उपयोग नामांकन दाखिल करने के लिए किया वह अपने रुपए को पत्नी के पास रखते हैं
रिपोर्ट्स के मुताबिक तीतर सिंह ने औपचारिकता स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की है. वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना से मिलने वाली मजदूरी पर निर्भर है उनके बच्चों की शादी हो चुकी है और वह भी मनरेगा के तहत मजदूरी करते हैं
‘इसलिए मैंने हर बार लड़ने का फैसला किया’
तीतर सिंह ने बताया कि कोई भी सरकार गरीबों की दुर्दशा नहीं समझती वह हमें और हमारे मुद्दों को हल्के में लेते हैं. इसी कारण “मैं प्रत्येक बार चुनाव में लड़ने का फैसला किया. यह उन सरकारों के लिए एक चुनौती है जो हम लोगों कमतर आंकते है”.
तीतर सिंह ने बताया कि “मेरे पास जमीन या संपत्ति नहीं है पर मैं जीवन चलाने में सक्षम हूं, कई बार मेरी जमानत जप्त होने के बावजूद भी हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा तीतर सिंह ने पहला विधानसभा चुनाव 1970 में लड़ा था तब लोकसभा, विधानसभा तथा पंचायत चुनाव मिलकर कई चुनाव लड़ चुके हैं