MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कैबिनेट बैठक में सिंचाई परियोजना पर बड़ा निर्देश, MP के इन जिलों को मिलेगा लाभ
MP News: मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने प्रदेश की सिंचाई क्षमता की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचित क्षेत्र को बढ़ाया जाना चाहिए। आधिकारिक सूत्रों से जिलेवार सिंचाई प्रतिशत की जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने उन जिलों में सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया,
जहां वर्तमान में सिंचाई का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम है बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य में 41.10 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई जल संसाधन विभाग के माध्यम से की जा रही है. नर्मदा घाटी विकास विभाग 8.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई कर रहा है, इस प्रकार कुल 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। राज्य में निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से जल संसाधन विभाग का सिंचित क्षेत्र 23.66 लाख हेक्टेयर और नर्मदा घाटी विकास विभाग का 43.21 लाख हेक्टेयर बढ़ जायेगा। यदि ये परियोजनाएँ अगले 5 वर्षों में पूरी हो गईं तो राज्य की सिंचाई क्षमता 93 लाख हेक्टेयर से अधिक हो जाएगी।
ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग प्लांट जल्द ही बिजली पैदा करना शुरू कर देगा। यह परियोजना प्रारंभ में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 250 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता में से 50 मेगावाट उत्पन्न करेगी। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव श्रीमती बीर राणा उपस्थित थे।
साल दर साल सिंचाई की मात्रा बढ़ती जायेगी
बैठक में बताया गया कि जल संसाधन विभाग के कार्यों से राज्य में सिंचाई की मात्रा साल दर साल बढ़ेगी. 2024 में 2.75 लाख हेक्टेयर, 2025 में 4.21 लाख हेक्टेयर, 2026 में 4.62 लाख हेक्टेयर, 2027 में 5.74 लाख हेक्टेयर और 2028 में 6.34 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई का विस्तार होगा। इस प्रकार जल संसाधन विभाग इन पांच वर्षों में 23 लाख 66 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की मात्रा बढ़ाने का काम पूरा करेगा.
एनवीडीए द्वारा प्रस्तावित केन बेतवा परियोजना, संशोधित पार्वती सिंधु परियोजना एवं अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं से प्रदेश के 19.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं बढ़ेंगी। इस प्रकार राज्य की सिंचाई क्षमता एक करोड़ हेक्टेयर से अधिक हो जायेगी। किसानों को सिंचाई सहित पेयजल का अधिक लाभ मिलेगा। उद्योग के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ने से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग डॉ. राजेश राजौरा ने प्रदेश की सिंचाई स्थिति पर प्रेजेंटेशन दिया.