मध्य प्रदेश

MP News: मध्य प्रदेश में बड़ा एक्शन SDM और तहसीलदार हुए निलंबित, जानिए मामला?

जबलपुर में प्रशासन की बड़ी कार्यवाही एसडीएम और तहसीलदार को किया गया सस्पेंड

एमपी न्यूज: थोक पटाखा दुकान में रखे स्टॉक में जांच मामले में लापरवाही मिलने पर कलेक्टर के लिखित अनुमति के बिना दुकान खोलने के बाद अधारताल एसडीएम और तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया गया कठौंदा स्थित तोक पटाखा दुकान को कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने निरीक्षण किया मौके पर सभी दुकानों को सील कर स्टाक की जांच करने के आदेश दिए. यह जिम्मेदारी अधारताल एसडीएम पुष्पेंद्र  और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के जिम्मे पर थी

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7 फरवरी को सील दुकानों को 17 फरवरी को खोल दिया

7 फरवरी को दुकानों सील की और तहसीलदार ने 17 फरवरी को फिर खोल दिया उन्होंने बताया कि स्टॉक की जांच कर ली गई है। लेकिन इसकी जानकारी कलेक्टर को नहीं दी गई जिसके बाद मामले की जांच कराई गई तो मामला गड़बड़ मिला दोनों अधिकारियों को लापरवाही पाए जाने पर बुधवार की रात संभाग आयुक्त अभय वर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि दोनों अधिकारियों ने तय समय में अपनी जांच रिपोर्ट नहीं दी

हरदा घटना के बाद हुई जांच 

आपको बता दें कि हरदा में हृदय विदारक घटना के बाद जबलपुर में भी पटाखा बनाने और रखने वाली दुकानों में छापेमारी की गई 7 फरवरी को कठौंदा में थोक और पूरे जिले में संचालित पटाखा दुकानों का निरीक्षण प्रशासन के अलग-अलग टीमों ने किया। कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कठौंदा दुकानों का निरीक्षण में कई कमियां पाई थी सुरक्षा और संरक्षण नियमों के उल्लंघन के अलावा दुकानदारों ने स्टॉक रजिस्टर संधारित नहीं किए थे। एसडीएम अधारताल को सभी 41 दुकानों के सील करने के आदेश कैरेक्टर सक्सेना के द्वारा दिए गए थे यही नहीं दुकानदारों को तय समय में अपने स्टाक की जानकारी देने को कहा गया था

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48 घंटे के भीतर दुकान संचालकों 

एसडीएम में 16 फरवरी को तहसीलदार को आदेश दिया कि वह दुकानदारों के ओर से पेश किए गए जवाब और की गई व्यवस्थाओं की मौके पर पहुंच कर जांच करें। इसके बाद सील की गई दुकानों खुलवाने के लिए कहा गया इस पर तहसीलदार ने अपना जवाब भेजा कि पूर्व में जांच की गई थी, इसमें दुकानदारों ने सभी नियमों का पालन शुरू किया।

इसीलिए दुकानों को खुलवा दिया गया है। कमिश्नर अभय वर्मा ने अपने आदेश में बताया की दुकानों की जब जांच की गई तब 48 घंटे के भीतर दुकान संचालकों से स्टॉक रजिस्टर एवं दस्तावेजों को लिया जाना था वहीं वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में मशवरा भी लिया जाना था जो दुकान दार समय पर यह जानकारी नहीं देते उन पर कार्रवाई करें, लेकिन ना तो समय पर दस्तावेज मिले और ना ही तहसीलदार ने कोई कार्यवाही की

अधिकारियों से स्वीकृत लिए बगैर दुकानों को खुलवाया

 इस पूरे मामले में एसडीएम और तहसीलदार ने बिना सत्यापन और उच्च अधिकारियों से स्वीकृत लिए बगैर दुकानों को खुलने के निर्देश दिए उधर कलेक्टर की तरफ से दिए गए प्रतिवेदन में यह पाया गया कि एसडीएम और तहसीलदार की ओर से दिए गए अपने प्रतिवेदन में सील की गई बारहमासी पटाखा संग्रहण और दुकानों को सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना खुलजाना, उनकी तरफ से देगा आदेश और स्थल पंचनामा पत्रक में बड़ा अंतर मिला। पंचनामा में 31 दुकान खोले जाने का उल्लेख किया गया है जबकि मौके पर 40 दुकानों की सील खुली पाई गई, कमिश्नर में कहा कि तहसीलदार ने शासन के नियमों और निर्देशों के विपरीत कार्य किया है इसलिए एसडीएम और तहसीलदार को निलंबित किया जाता है

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