मध्य प्रदेश

MP News: CM मोहन यादव के आदेश पर अब जिला कलेक्टर्स ले रहे एक्शन, रीवा में धारा 144 लागू 

Madhya Pradesh News: मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा शिक्षा विभाग के लिए आदेश जारी किया जिस पर विवाह कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए जिले में धारा 144 लागू की

CM Mohan Yadav Ki News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा शिक्षा विभाग कि शिकायतों पर एक्शन लिया है उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि.

निजी विद्यालय के संचालक बच्चों को कोर्स और किताबें यूनिफॉर्म और अन्य शिक्षण सामग्री किसी निश्चित दुकान से खरदीने को बाध्य नहीं कर सकते. अगर ऐसा होता है तो उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आदेश जारी होते ही अब मध्य प्रदेश के जिला कलेक्टर्स एक्शन में आ गए हैं

सीएम मोहन यादव ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस संबंध में एक आदेश जारी करने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह स्कूल शिक्षा विभाग तथा जिला कलेक्टरों को पत्र जारी करें.

जिसमें बताया गया कि कलेक्टर्स इस आदेश का पालन सख्ती से करवाए.

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साथ ही उन्होंने कहा कि उन विद्यालयों पर नजर रखें जो आदेश की अवहेलना कर रहे हो मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम के तहत एक्शन ले और इस अधिनियम के तहत स्कूल संचालक पर ₹200000 तक का जुर्माना हकदार है

रीवा जिले में आदेश का पालन, धारा 144 लागू

मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस आदेश के बाद रीवा जिले के शासकीय और निजी विद्यालय तथा कॉलेज में बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं

जिले की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन द्वारा शिक्षण संस्थानों में प्रवेश विद्यार्थियों की फीस किताबें और ड्रेस खरीदने के संबंध में गंभीर शिकायतें की थी

जिस पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के धारा 144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है.

यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (5) तहत एक पक्षी रूप से जारी किया गया है आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति शिक्षण संस्था के प्राचार्य तथा प्रबंधन के विरुद्ध धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी

सीएम मोहन यादव के आदेश

विषय-निजी स्कूलों द्वारा पाठ्‌यपुस्तको यूनिफार्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री के कय हेतु पालकों पर अनुचित दबाव बनाये जाने के सबंध में।

विषयांतर्गत विभिन्न माध्यमों से शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय स्कूल प्रबंधन एवं प्राचार्य द्वारा एनसीईआरटी / एससीईआरटी से संबंधित पुस्तकों के साथ अन्य प्रकाशकों की अधिक मूल्य की पुस्तकें एवं अन्य सामग्री क्रय करने हेतु पालकों पर अनुचित दबाव बनाया जाकर विषयवार एनसीईआरटी / सीबीएसई / एससीईआरटी मुद्रित व निर्धारित पाठ्यक्रम की पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर अन्य प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकों को चयन कर अभिभावक को दुकान विशेष/निर्धारित स्थान से पाठ्य पुस्तकों व अन्य शैक्षिक सामग्री अथवा यूनिफार्म करने हेतु अप्रत्यक्ष रूप से बाध्य किया जा रहा है।

2/ इस संबंध में कृपया म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम, 2017 की धारा एवं तथा म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 एवं 9 को संज्ञान में लिया जाये। म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा अन्य संबंधित विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 6 (1) (घ) में स्पष्ट उल्लेख है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा छात्र या अभिभावक को पुस्तके, यूनिफार्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विकताओं से कय करने के लिए औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी रूप में बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से कम करने के लिए स्वतंत्र होंगे। अतः उक्त आशय की शिकायते प्राप्त होने की स्थिति में नियम 2020 के नियम 9 में वर्णित प्रक्रिया का पालन करते हुए संबंधित विद्यालय के विरुद्ध आवश्यक शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाय।

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