भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं को लेकर पूरे दुनिया में जाना जाता है, यहां पग पग पर भाषा बोली और तरह तरह के परंपराएं लोग निभाते हैं, देश के गांव में भी ऐसी अनोखी परंपराएं जो सदियों पुरानी है, उन्हीं में से पेड़ों के विवाह की भी एक परंपराएं हैं जो आज भी चलाई जा रही है, लोग पेड़ों से विवाह अपने मांगलिक और पुण्य के लिए करते है, ऐसा मानना है कि जिनके भाग्य में विवाह सबसे बड़ा अप्सगुण है. उन्हीं लोगों का विवाह प्रथम पेड़ों से कराया जाता है, जिसमे आम और केला का पेड़ प्रथम है, पेड़ों से विवाह की परंपरा कई सैकड़ो वर्षों से चलती आ रही है,
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क्यों होता है पेड़ो का विवाह?
भारत में ऐसी मान्यता है कि अगर किसी के कुंडली में मांगलिक है और विवाह का योग नहीं बन रहा है तो ऐसे में प्रथम विवाह पेड़ से कराया जाता है फिर किसी इंसान से, ज्यादातर ऐसे मामले भी देखे गए हैं कि लोग दो पेड़ों का विवाह भी कर देते हैं. लोगों का ऐसा मानना है कि यह पुण्य भरा कार्य होता है. जिसे हर किसी को करना चाहिए, तर्क ये है कि पेड़ सजीव होते है, इस लिए उनसे विवाह संभव है,
किन किन पेड़ो से होता है विवाह
दी गई जानकारी के अनुसार आम ,पीपल और केले के पेड़ के साथ विवाह होता है, इन पेड़ों का महत्त्व हिंदू सनातन में शुभ माना गया है, इसी लिए इन पेड़ों को मांगलिक कार्यों के लिए निमंत्रित किया जाता है, इन पेड़ों के विवाह की परंपरा आज से नहीं सैकड़ो वर्षों से चली आ रही है लोग बड़े धूमधाम से इन पेड़ों का विवाह करते हैं. इंसान और पेड़ों के विवाह के दिलचस्प किस्से भारत के गांव गांव में फैला हुआ है,