क्या है ये भद्रा? जिसके वजह से रक्षाबंधन आज रात 9 बजे से शुरू होगा, क्यों होता भद्रा में राखी बांधना अशुभ ,जाने
देश में रक्षाबंधन का पर्व आज है। कई लोग आज सुबह से ही राखी बंधवाना प्रारंभ कर दिए, अभी भी लोगों का मानना है कि रात 9:00 बजे से राखी बांधना शुभ माना जाएगा, पर मन में सवाल उठता कि आखिर क्यों रात 9:00 बजे से ही राखी बांधना शुभ माना जाएगा वही पूरा दिन अशुभ रहेगा, आपको बताते चलें आज भारत में 30 अगस्त से 31 अगस्त तक रक्षाबंधन का पर्व है। इस पर्व को भाई-बहन का अटूट पर्व माना जाता है। आज पूरे दिन भद्रा का अशुभ योग रहेगा जिसके वजह से यह शुभ काम अशुभ माना जाएगा,
पूरी खबर नीचे है,,,
क्या है भद्रा?
30 अगस्त, बुधवार से रात 8:57 से लेकर 31 अगस्त को उदयातिथि में सुबह 7:46 बजे तक ही रहेगा। 31 को ही श्रावणी का अनुष्ठान किया जाना शुभ है। पूर्णिमा की तिथि 30 अगस्त को प्रातः 10:13 बजे से शुरू होगा। भद्राकाल प्रातः 10:13 बजे से लेकर रात्रि 8:57 बजे तक ही रहेगा। राखी हमेशा भद्रा रहित काल में बचा कर बांधना शुभ माना जाता है। क्या है भद्रा? तो आपको बता दें भद्रा दरअसल, सूर्य की पुत्री एवं शनि देव कि बहन है। भद्रा जन्म से ही मंगल कार्यों में विघ्न डालती थी, जिसके लिए भद्रा काल में कार्यों की मना किया गया है। पौराणिक कथाओं की माने तो शूर्पणखा ने अपने भाई रावण और कुंभकर्ण को भद्राकाल में राखी बांधी थी ,जिसके बाद उनका ऐसा अंत हुआ था। इसलिए बहनें भद्रा के समय भाई को राखी बांधने से बचती है। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता, अगर इस काल में कोई शुभ कार्य करता है। तो उसका अमंगल फल मिलता है,