उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक कैदी की मौत हो गई है। इस कैदी की मौत के साथ ही 42 साल पुरानी एक ऐसी घटना की यादें ताजा हो गई हैं, जिसने उस वक्त देशभर में सनसनी फैला दी थी। ये कैदी कोई और नहीं, बल्कि चंबल की दस्यू सुंदरी फूलन देवी के साथी डाकू पोसा थे।
बेहमई नरसंहार
जानकारी के मुताबिक वर्ष 1981 में कानपुर देहात में बेहमई नरसंहार मामले में जेल में बंद फूलन देवी के 85 वर्षीय सहयोगी पोसा की मंगलवार सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई। फूलन देवी समेत पोसा इस मामले में 17वें अभियुक्त थे। बताया जाता है कि 14 फरवरी वर्ष 1981 को बेहमई गांव में फूलन देवी और उनके साथियों ने गांव में 20 ठाकुरों को घरों में से खींच कर लाइन में खड़ा किया और गोलियों से भून डाला।