महाशिवरात्री 2024: इस साल महाशिवरात्रि 11 वर्ष बाद शिवयोग के साथ 8 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी. भक्तों के लिए इस दिन परम सिद्ध योग बन रहा है। पंडित नरेंद्र उपाध्याय के मुताबिक इस दिन व्रत करने से महाशिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत का भी लाभ मिलेगा।
व्रत रहकर श्रद्धालु भगवान शिव को जल दूध बेलपत्र भाांग धतूरा और फूल इत्यादि अर्पण कर पूजा अर्चना कर सकेंगे। इस दिन मंदिरों और घरों में भजन कीर्तन रात्रि जागरण का कार्यक्रम किया जाएगा। पंडित शरद चंद्र मिश्र ने जानकारी दी कि भगवान शिव की पूजा में रुद्राक्ष भस्म और त्रिपुंड धारण का विशेष महत्व दिया जाता है। यह तीन ऑन वस्तुएं सुलभ है।
शिवलिंग पर बिल्वपत्र, आक, कनेर, द्रोण धतूरा एवं शमी के फूल, अपामार्ग (चिचिड़ा) शमी के पत्ते और नीलकमल अर्पित करने के भी विशेष महत्व दिए जाते हैं। भगवान भोलेनाथ को कुछ ऐसी वस्तुएं अर्पित की जाती है जो अन्य देवताओं को नहीं चढ़ाई जाती। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की निर्माता उपवास करते हुए मन वचन और कम से उनके लिए की गई पूजा कल्याण करने वाली होगी महिलाएं महाशिवरात्रि को व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखेंगे
महाशिवरात्री के शुभ मुहूर्त
निशिता कल पूजा समय 12:13 a.m से लेकर 1:00 a.m 9 मार्च तक अवधि 49 मिनट, 9 मार्च को शिवरात्रि पारण समय 6:41 a.m से 3:35 पीएम रात्रि द्वितीय पहर पूजा समय 9:35 पीएम से लेकर 12:37 a.m 9 मार्च तक, रात से दुतीय प्रहर पूजा 12:37 a.m से लेकर 3:39 a.m 9 मार्च, रात चतुर्थ प्रहर पूजा समय 3:39 a.m से 6:41 a.m
शिवरात्रि पर व्रत नियम और शास्त्रों के अनुसार
चतुर्दशी तिथि (हिंदू पंचांग के अनुसार 14वां दिन) के तहत यदि पूरा निशीथकाल दिन आ रहा है तो इसी दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। रात के आठवें मुहूर्त को निशीथ काल माना जाता है। दूसरे शब्दों में जाने तो यदि रात्रि का आठवां मुहूर्त पहले दिन चतुर्दशी तिथि के तहत आता है तो उसी दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है
अगर अगले दिन चतुर्दशी तिथि निशीथकाल काल के प्रथम भाग को स्पर्श कर लें एवं पहले दिन कल पूर्ण रूप से चतुर्दशी तिथि के अंतर्गत आ रहा है तो पहले दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
मिट्टी के बर्तन में पानी और दूध भर कर रखें इसमें कुछ बेलपत्र धतूरा आंख के फूल चावल आज डालकर शिवलिंग पर चढ़ाई अगर आपके पास शिव मंदिर नहीं है तो घर में ही मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा की जा सकती है। इस दिन शिव पुराण का पाठ करना चाहिए साथ ही महामृत्युंजय और शिव के पांच अक्षर वाले मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए महाशिवरात्रि की पूरी रात जागरण करना चाहिए, शास्त्रीय अनुष्ठानों के अनुसार महाशिवरात्रि 2023 पूजन और निशीथकाल करने का सबसे अच्छा समय बताया गया है हालांकि भक्त अपनी सुविधा के अनुसार रात के सभी चार प्रहारों के दौरान पूजा कर सकते हैं