मुख्यमंत्री मोहन यादव ने देवी अहिल्याबाई होलकर की तुलना भारत माता से की

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शुक्रवार शाम इंदौर के अभय प्रशाल ऑडिटोरियम में आयोजित देवी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती समारोह में पहुंचे। यहां उन्होंने समारोह के बारे में बात करते हुए देवी अहिल्याबाई होल्कर की तुलना भारत माता से कर दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में देवी अहिल्याबाई होल्कर की गौरवशाली कहानी को शामिल किया जाएगा। इसके लिए मोड़ी लिपी का हिंदी में अनुवाद किया जाएगा।

शिक्षा नीति में देवी अहिल्याबाई होल्कर का इतिहास : मुख्यमंत्री मोहन यादव

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमने भारत माता को देखा नहीं है, सिर्फ उसकी कल्पना की है। लेकिन जिसने भी माता अहिल्या को देखा है उसे भारत माता की आंचल का एहसास हो सकता है। देवी अहिल्या माता के कारण ही आज लोग बनारस के आनंद, बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद और काशी विश्वनाथ में रामेश्वरम के जल के जलाभिषेक का अनुभव कर रहे हैं। यह सब देवी अहिल्या माता ने प्रारंभ किया था।

मां अहिल्या की सेना ने दिल्ली के रायसीना गांव पर भी जीत का झंडा फहराई थी। जहां वर्तमान में राष्ट्रपति भवन मौजूद है। देवी अहिल्याबाई होल्कर की गौरवशाली कहानी को बच्चों तक फैलाने को भी शिक्षा नीति में शामिल किया जाएगा। इसके लिए मोड़ी लिपी का हिंदी में अनुवाद किया जाएगा।

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होलकर स्टेट से माता अहिल्या ने शासन सूत्र चलाया

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि माता अहिल्या ने मध्य प्रदेश के होलकर राज्य से शासन सूत्र का नेतृत्व किया। जिस तरह से उन्होंने अपने शासन काल में अपनी सरकार के माध्यम से न केवल हमारी सांस्कृतिक धारा और सनातन धर्म को पुनर्जीवित किया, बल्कि नदी घाटों, धर्मशालाओं और अन्य क्षेत्रों का निर्माण भी कराया। यह सब उन्हें आदर्श बनाने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने अपने 28 वर्ष के शासन काल में मानव जीवन के लिए समर्पित भाव से कार्य किया और आदर्श जीवन व्यतीत किया।

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