राज्य में रिजल्ट आने के बाद। रेखा की लगन आई सामने, सिलाई कर यूट्यूब से की पढ़ाई बढ़ा दी राज्य का नाम
उत्तर प्रदेश में रिजल्ट जारी हो चुका है एटा जिले की रेखा ने इतिहास रच दिया है। कड़ी मेहनत और संघर्ष कर प्रदेश भर में नवमी रैंक हासिल की है रेखा मारहरा के एम डी एच एम इंटर कॉलेज की छात्रा रही है। कक्षा 12वीं की परीक्षा में कुल 95.8% अंक हासिल करते हुए प्रदेश में 9वा स्थान बनाया है। जिसमें से हिंदी में 96 अंग्रेजी में 92 और रसायन विज्ञान भौतिक विज्ञान एवं जीव विज्ञान में 97 अंक मिले हैं रेखा कहती है कि मेरा सपना डॉक्टर बनने का है
लगन से गगन तक का सफर
कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने की हसरत होती है तो इंसान आखिरकार यह तमन्ना अपनी पूरी कर लेता है ऐसी ही एक कहानी रेखा कि आई है रेखा मूल रूप से एटा के मारहरा मोहल्ले में रहती है वह एक किराए के मकान में अपने परिवार के कुल 5 सदस्य के साथ रह बसर करती है. बताया जाता है कि रेखा पढ़ाई के साथ परिवार के भरण-पोषण करने के लिए सिलाई का कार्य भी करती है.
जब यह सब जानकारी प्रशासन को क्विंट की टीम को लगी तो टीम रवाना हुई प्रदेश की राजधानी से 351 किलोमीटर स्थित रेखा के घर पहुंची रेखा ने अपने संघर्ष की जुबानी सुनाई उन्होंने कहा कि मुझे हाई स्कूल की परीक्षा में 88% परिणाम मिला था मुझे यकीन नहीं हो रहा कि. मैं 12वीं में भी 90 प्रतिशत तक पहुंच पाऊंगी यह मेरा भरोसा था मेरे गुरु अध्यापक ने मुझे बेहतर शिक्षा दी जिससे मैं परीक्षा में इतने अच्छे अंक ला सकी
वही रेखा ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि हमारे घर में बिजली तक की व्यवस्था नहीं रही यहां तक कि की किताब भी नहीं खरीद पाती थी स्कूल के पास नगर पालिका में किताब ग्रह था मैं वहां जाकर पढ़ती लिखती रेखा का कहना है कि मैं सिलाई भी कर लेती हूं और मां के साथ उसके काम में हाथ भी बटाती हूं। कक्षा बारहवीं के बाद मुझे नीट की तैयारी भी करनी है। जिसके लिए पैसों की अति आवश्यकता है मेरे पिताजी की महीने भर की तनख्वाह केवल ₹6000 ही है मां और मैं दोनों मिलकर घर को चलाती हूं।
टीम ने देखा कि रेखा जिस किराए के मकान में रहती है उसके महीने की भाड़ा ₹500 है. वही घर में अन्य चीजों का भी अभाव बना रहता है लेकिन इसके बावजूद रेखा ने कभी हिम्मत नहीं हारी वही पिता जयदीप और मां घर का कार्य करती हैं तथा पिता खेती बारी भी करते हैं । मां एक ग्रहणी होने के साथ सिलाई बुनाई का भी कार्य कर लेती है। रेखा की छोटी बहन विनीता 10वीं की छात्रा है और भाई पवन 11वीं का। रेखा अपने भाई बहनों को घर में ही अध्ययन कर आती है।
राज्य की टॉपर रेखा के पिता जयदीप ने टीम से बातचीत में बताया कि बच्चों को पढ़ने के लिए कोई ज्यादा व्यवस्थाएं नहीं थी मैंने 3 साल पहले ₹4500 का एक मोबाइल खरीदा था जिससे बच्चों की पढ़ाई होती थी कोचिंग जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे
वही रेखा सोशल मीडिया के प्लेटफार्म यूट्यूब की सहायता लेती रही तथा यूट्यूब से वह पढ़ती रही बेटी डॉक्टर बनना चाहती है। रेखा कहती है। की डॉक्टर बनाना चाहता हूं लेकिन मेरे पास इतनी धन नहीं