Rewa News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. क्या राजा क्या रंक सब गलियों में भटक रहे हैं जहां एक आदिवासी की रियासत के राजा से राज परिवार चुनाव जीतने के लिए गांव की गलियों में भटक रहे हैं, इस आदिवासी से हारने की चिंता महाराज और महारानी युवराज युवरानी और राजकुमारी को चुनाव प्रचार के लिए प्रेरित कर रहा है
जिले के सिरमौर विधानसभा सीट में यह मुकाबला काफी रोचक होता जा रहा है. बघेलखंड के सबसे बड़ी विरासत जिसमें 450 वर्षों तक हुकूमत चलाई, जब राजतंत्र के अंत के बाद प्रजातंत्र भी राज परिवार की हिस्सेदारी रही. मार्तंड सिंह और राजमाता प्रवीण कुमार ने राजनीति की इस विरासत को अग्रसर करते हुए पुष्पराज सिंह को विधायक एवं मंत्री बने
अभी इसी रियासत के युवराज विधायक दिव्यराज सिंह को भाजपा ने सिरमौर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया जिसमें कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए रामगरीब वनवासी को मैदान में उतार दिया
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एक तरफ क्षेत्र आदिवासी अपने-अपने नेता को जिताने के लिए प्रचार कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ युवराज दिव्यराज सिंह को जिताने के लिए महाराजा पुष्पराज सिंह महारानी युवरानी वसुंधरा सहित पूरा राज परिवार अब मैदान में उतर चुका है
सतपाल महाराज आएंगे प्रचार करने
शाही परिवार के जो भी सदस्य नहीं पहुंच पाए वह डिजिटल के जरिए से प्रचार कर रहे, अभिनेत्री राजकुमारी मोहिना सिंह उत्तराखंड से वीडियो भी मैसेज कर रही हैं, उनके ससुर यानी उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज प्रचार के लिए जल्द ही आने वाले हैं, दिव्यराज सिंह की ससुराल नगर उत्तरी झारखंड से शाही राज परिवार आकार सिरमौर में पहले ही जमा हुआ है
दूसरी बार विधायक हैं राजकुमार
उधर दिव्यराज सिंह सिरमौर से लगातार दूसरी बार से विधायक है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में दिव्यराज सिंह को राजनीति के राजकुमार विवेक तिवारी और 2018 में विवेक तिवारी की पत्नी अरुणा तिवारी को हराया था. पर इस बार एक आदिवासी ने पूरा गणित बदल के रख दिया है, जिससे राजमहल को छोड़कर राजा रानी गांव की अब गलियों में भटक रहे हैं तथा जनता से वोट करने की अपील करते दिखाई पड़ रहे, भाजपा प्रत्याशी दिव्यराज सिंह का ऐसा मानना है की रियासत की जनता थी तब भी उनके पूर्वजों ने सेवा की अब भी सेव कर रहे हैं. दिव्यराज विकास के मुद्दे पर भी चुनाव लड़ रहे
यह विचारधारा की लड़ाई: रामगरीब वनवासी
रामगरीब वनवासी का ऐसा मानना है कि यह राजा और आदिवासी के बीच लड़ाई बिल्कुल नहीं है. यह एक विचारधारा की लड़ाई है, अकेले सिरमौर नहीं बल्कि पूरे विंध्य की 30 सीटों पर परिणाम बदलने के लिए आला कमान ने उन्हें मैदान में उतारा है. रामगरीब का ऐसा दावा है कि उनकी जीत होगी और बीजेपी की हार.