रीवा में 95 साल पुराने बैजू धर्मशाला में दुनिया का सबसे कम लगता है किराया, 24 घंटे के लिए देना पड़ता है सिर्फ 60 रुपए
Rewa News Today: महंगाई तंगी के दौर में अगर आप को किसी महल जैसी सुविधा व्यवस्था सिर्फ ₹60 में रुकने का मौका मिले तो आपको कैसा लगेगा। यह तो साफ है कि आप मौका नहीं छोड़ेंगे.. ऐसी ही एक ऐतिहासिक इमारत की नगरी रीवा में है जहां पर्यटक को ऐसा मौका मिल रहा. रीवा में करीब 95 वर्ष पुराने बैजू धर्मशाला नाम की महल जैसी एक इमारत है जिसमें रुकने के लिए 24 घंटे के लिए केवल ₹60 का शुल्क देना पड़ता है
इमारत को पहली बार देखने पर ऐसा मालूम होता है कि यह ब्रिटिश स्थापित शैली से निर्मित हुई है। लेकिन, इमारत की खूबसूरती देखने लायक होती है इमारत में राजस्थानी कला अंकित किए गए हैं जो मन मोह लेती है यहां रुककर आप खुद किसी राजघराने के अतिथि होने का अनुभव करेंगे। इसी इमारत के परिसर में भगवान शिव की एक सुंदर मंदिर भी है मंदिर में कई आकर्षक कलाकारी के कार्य भी किए गए हैं
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सतना – रीवा के कारीगरों ने बनाई थी डिजाइन
जब इस इमारत का रिव्यू करने पहुंचे मीडिया रिपोर्टर्स ने इतिहासकार असद खान से सवाल किया तब उन्होंने बताया कि इस इमारत का निर्माण सेठ बैजनाथ के द्वारा कराया गया था उन दिनों रीवा में कोई अच्छा होटल और धर्मशाला नहीं था इससे मुसाफिरों को समस्याएं होती थी इसलिए सेट बैजनाथ ने इस भव्य इमारत का निर्माण कराया था। इस इमारत का निर्माण कार्य वर्ष 1935 में शुरू हुआ और 1941 में यह इमारत बनकर तैयार हुई इस इमारत को बनाने वाले मिस्त्री सतना के हैं वहीं इसके चीफ इंजीनियर पीसी गोगोई थे. इमारत को बनाने में बिछिया तरहटी के मजदूरों ने कार्य किया था इमारत में कुल 30 कमरे मौजूद है आज भी इमारत किसी हवा महल से कम नहीं लगती
सिर्फ 60 रुपये में मिलती व्यवस्था
इस आलीशान भवन में करीब 30 कमरे हैं यह भवन सभी सुविधाओं से संपन्न है। यहां सोने के लिए पलंग गद्दा और चद्दर भी दी जाती है ठंड के समय में कंबल की भी व्यवस्थाएं हैं हालांकि गर्मी के समय में एसी की व्यवस्था नहीं होती। पंखे की हवा से ही काम चलाना पड़ता है य रुकने के लिए आपको प्रबंधक से अनुमति व 24 घंटे का चार्ज यानी ₹60 देना होता है इसलिए आपको अपना मान्य परिचय पत्र देना होगा सस्ता होने की वजह से इस धर्मशाला से गरीब परिवारों को भी सहायता होती है