ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप अगर आप ऐसे कर रहे तो हो जाए सावधान!
आजकल लोग अज्ञानता में आकर कई मंत्रो का गलत उच्चारण और जपने के तरीके से वंचित रहते है, जिसका फल उन्हें नहीं मिलता, फल तो दूर उन्हे पाप का भोग मिलता है, कुछ मंत्र ऐसे होते है। जिसका असर जल्दी जल्दी होता है, उन्ही मंत्रों में से एक है पंचाक्षर मंत्र है ॐ नमः शिवाय, पर लोग अज्ञानता वश इस मंत्र को गलत तरीके से जाप करते हैं। जिससे उल्टा असर होता है। यह मंत्र बहुत जल्दी सिद्ध होता है। इसका असर भी कुछ दिन के जाप के बाद होने लगता है, पर गलत रहन सहन में इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए, यह एक पवित्र मंत्र होता है। इसे पवित्रता के साथ जाप करना चाहिए,
क्या होती है पवित्रता
बहुत लोग सोचते हैं कि स्नान करके ही पवित्र हुआ जा सकता है, जबकि पानी से स्नान तो शरीर का होता है जिससे शरीर का पूरा मैल धुलता है। पर लोगों को यह नहीं पता की इन मंत्रों के जाप के लिए शरीर नहीं मन का साफ होना जरूरी है, झूठ , कपट, बेईमानी , धोका, क्रोध, क्रूरता, निर्दई, ये मन के मैल है। जिसकी सफाई कोई साबुन या पानी नहीं कर सकता, मन की सफाई भक्ति ही कर सकती है, और भक्ति मार्ग में चलने के लिए नशा, गलत खान पान ( मांस मदिरा) का त्याग होना जरूरी है, इसके साथ सबसे जरूरी होता है ब्रह्मचर्य जीवन, अगर आप स्नान भी कर रहे पुण्य भी कर रहे पर अगर आप ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर रहे, तो आप भक्तिमार्ग में सफल नहीं, जो पुरुष ब्रह्मचर्य , और प्रखर है, उसे स्नान आदि की आवश्कता नहीं वो कीचड़ में कमल की भांति है, और वही पवित्र है,
इस शक्तिशाली मंत्र का जाप कही आप ऐसे तो नहीं कर रहे
अगर आप सभी विकारों के साथ इस पवित्र शक्तिशाली मंत्र का जाप कर रहे हैं तो आज से रुक जाइए, क्योंकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो मदिरा और मांस का सेवन भी कर रहे हैं और लगातार इस मंत्र का जाप भी कर रहे हैं। ऐसे में यह मंत्र आपके लिए फलदाई साबित नहीं होगा ,बल्कि इसके नुकसान ही होंगे, ऐसे बहुत से लोग होंगे जो पूरे दिन झूठ और अन्याय के साथ जीवन जीते हैं। फिर इस मंत्र का जाप करते हैं, जिसका परिणाम कुछ दूसरा होता है।
ऐसे करना चाहिए पंचाक्षर मंत्र का जाप
इस मंत्र का जाप करने से पहले सभी विकारों को छोड़ देना चाहिए और इसके साथ ब्रह्मचर्य जैसे जीवन शैली को अपना लेना चाहिए जिसके बाद भी इस मंत्र का जाप करना चाहिए, अगर आपने इन सभी गुणों को अपना लिया है तो। आपके ऊपर बहुत जल्द ही महादेव की कृपा होगी, और आपको इस मंत्र का लाभ भी मिलने लगेगा,
मंत्र सिद्ध होने पर क्या होते हैं लाभ
भगवान शिव योग और ज्ञान के भंडार हैं। उनकी आराधना करने वाला भक्ति ज्ञानी और शक्तिशाली होता है। क्रमानुसार ‘न’ पृथ्वी,’मः’पानी,’शि’अग्नि ,’वा’ प्राणवायु और ‘य’ आकाश को इंगित करता है। इस मंत्र के जब से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र को हृदय में धारण करने से वेद और शास्त्र का आत्मज्ञान होने लगता है। धन स्मृति सुख दहलीज पर हो जाते हैं। पर इस मंत्र को लेकर कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, अगर अहंकार हो गया तो स्थिति रावण जैसी हो जाती है,