शहर के यूनिवर्सिटी रोड पर विद्यार्थियों के बीच गुड़ की जलेबियों की काफी मांग है। सर्दी के मौसम में गुड़ से बनी जलेबी बहुत लोकप्रिय होती है. यहां ऐसे कई स्टॉल हैं. कॉलेज या स्कूल से लौटते छात्र अक्सर यहां गुड़ की जलेबियां खाते दिख जाते हैं। यहां मिलने वाले स्वादिष्ट पकवान पूरे इंटरनेट की सुर्ख़िखियों में है
यह विशेष जलेबी अक्सर यूनिवर्सिटी रोड, रीवा में पाई जाती है। खुटेही से लेकर अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी स्टेडियम तक कई ऐसे स्टॉल हैं जहां सुबह से शाम तक लोग गुड़ की जलेबियां खाते देखे जा सकते हैं.
यहां के स्थानीय लोग पीढ़ियों से गुड़ की जलेबी बनाते आ रहे हैं. आजकल यह जलेबी न सिर्फ देश के अलग-अलग शहरों में बल्कि रीवा में भी मशहूर मिठाई बन गई है. वैसे तो यह सर्दियों के दौरान लोगों के बीच लोकप्रिय है, लेकिन अपने बेहतरीन स्वाद के कारण इसकी मांग साल भर रहती है।
वह कार्य जो पीढ़ियों तक चलता है
अभय साहू ने बताया कि उनके पिता और दादा भी गुड़ की जलेबी बनाते थे. पहले हमारे परिवार के लोग गुड़ की जलेबी बनाकर घर-घर पहुंचाते थे। यह जलेबी गुड़ की चाशनी बनाकर बनाई जाती है. इस जलेबी को बनाने के लिए आटा, सूजी, गुड़, थोड़ा सा दही, बेकिंग पाउडर और इलायची पाउडर की जरूरत होती है. सबसे पहले पानी और गुड़ से शरबत बनाया जाता है. फिर इसमें इलायची पाउडर मिलाया जाता है. – इसके बाद जलेबियों को 5 से 10 मिनट तक चाशनी में भिगोकर रखें. गुड़ के रस में डूबी जलेबी बहुत पसंद है.
अब मध्य प्रदेश में बदल जायेंगे गैस सिलेंडर वितरण के नियम एजेंसी ऐसे देंगी अब LPG सिलेंडर, जानिए
सर्दी-जुकाम के लिए भी उपयोगी है
गरमा गरम गुड़ की जलेबी न सिर्फ अपने लाजवाब स्वाद के लिए पसंद की जाती है, बल्कि दुकानदारों का दावा है कि इसे खाने से सर्दी, खांसी जैसी समस्याएं नहीं होंगी. दरअसल, गुड़ शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है क्योंकि यह एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसलिए इसके सेवन से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है। यह गले की खराश समेत कई समस्याओं को कम करता है। तेल और आटे से बनी चीजें खाने से वजन बढ़ता है, लेकिन सर्दी-जुकाम में गुड़ फायदेमंद होता है।