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सीधी जिले के चारों विधानसभा में प्रत्याशियों के नाम का हुआ चयन, जानें किसको मिला कहां से टिकट। 

सीधी जिले के चारों विधानसभा में प्रत्याशियों के नाम का हुआ चयन, जानें किसको मिला कहां से टिकट।

MP assembly Elections: विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर चुनाव आयोग तैयारी कर चुका है एवं अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता की घोषणा कर सकता है। ऐसे में चुनाव को लेकर पार्टियों भी कमर कस चुकी है। चुनाव आयोग और राजनीतिक पार्टियों की तैयारी लगभग अपने चरम सीमा पर हैं। भारतीय जनता पार्टी ने तो प्रदेश के 39 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी पूर्व में कर चुकी है। वही बात की जाए सीधी जिले के विधानसभा सीटों की तो सीधी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी पंडित केदारनाथ शुक्ला के ऊपर एक बार फिर से भरोसा जाता सकती है वहीं कांग्रेस से कोई ब्राह्मण चेहरा नहीं है, इसलिए ज्ञान सिंह को चुनावी मैदान में उतर सकती है।

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चुरहट विधानसभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय से राहुल भैया चुनाव लड़ेंगे तो भारतीय जनता पार्टी से सरतेंदु तिवारी चुनावी मैदान में होंगे परंतु इन दोनों का गणित पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा के बेटे अनेंद्र मिश्रा राजन बिगाड़ सकते हैं। क्योंकि इस बार वो आम आदमी पार्टी से चुरहट विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस भाजपा के समीकरण को तहस-नहस करेंगे।

बात की जाए धौहनी विधानसभा की तो इस बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुंवर सिंह टेकाम से जनता काफी नाराज है इस बार भाजपा को कोई दूसरा चेहरा तलाशना होगा, अगर भाजपा ने कोई दूसरा चेहरा नहीं देखा तो ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस वहां से महिला उम्मीदवार कमलेश सिंह को चुनावी मैदान में उतरेगी और लोगों की माने तो कमलेश सिंह इस बार भाजपा को उखाड़ फेंकेगी।

अब बात रही सिहावल विधानसभा की तो यह वह विधानसभा सीट है जो पूरे प्रदेश भर में इन दिनों चर्चा में बनी हुई है क्योंकि यहां पर कांग्रेस का गढ़ रहा है पूर्व दिग्गज नेता स्व. इंद्रजीत कुमार यहां से चुनाव जीते आए थे और उन्होंने मंत्री तक का सफर तय किया था। अब उनके बेटे कमलेश्वर पटेल यहां से लगातार दो बार से विधायक है। और उनका चुनावी पलड़ा अभी भारी बना हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि सिहावल विधानसभा से विश्वामित्र पाठक और सांसद रीती पाठक का नाम तय हो गया है परंतु सूत्रों एवं आम जनमानस की माने तो कांग्रेस के गढ़ को सिर्फ विश्वामित्र पाठक ही तोड़ सकते हैं अन्यथा रीति पाठक को यदि टिकट मिलता है तो उनकी हार निश्चित है।

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