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अमेरिका के इस शहर में सनातन “धर्म दिवस घोषित”, भारत में चल रहे विवाद का असर अमेरिका में

अमेरिका के इस शहर में सनातन “धर्म दिवस घोषित”, भारत में चल रहे विवाद का असर अमेरिका में

शक्तिशाली देश अमेरिका के लुइसविले सिटी में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया गया है. यह अहम फैसला ऐसे समय में हुआ जब भारत में सनातन धर्म को लेकर बहस छिड़ी हुई है। तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदायिनी ने सनातन पर डेंगू मलेरिया बयान दिया जिसके बाद देश में माहौल गरमा सा गया है। इसी बीच अमेरिका के इस बड़े शहर में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया गया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदय निधि स्टालिन ने सनातन पर एक विवादित बयान दिया जिसके वजह से पूरे भारत और दुनिया में बवाल मचा हुआ है इसी बीच अमेरिका के शहर में 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया, अमेरिका के लुइसविले शहर के मेयर ने 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित कर दिया है।

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लुइसविले में स्थित हिंदू मंदिर महाकुंभ अभिषेकम उत्सव के समय मेयर किंग ग्रीनबर्ग की तरफ से डिप्टी मेयर बारबरा सेक्स्टन स्मिथ ने 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस मानने को एक अधिकारी के ऐलान किया,

यहां एक बड़ा कार्यक्रम रखा गया जिसमें परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष , पूज्य स्वामी चितानंद सरस्वती श्री रविशंकर एवं साध्वी भगवती सरस्वती उपराज्यपाल जैकलिन गोलमैन ,उप प्रमुख स्टाफ काशी डोरसी एवं कई बड़े लोग मौजूद रहे

उदयनिधि ने सनातन को बताया था डेंगू- मलेरिया

तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदय निधि पिछले दिनों सनातन उन्मूलन सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जिस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. इसे समाप्त भी कर देना चाहिए सनातन सामाजिक न्याय एवं समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता .बल्कि उन्हें खत्म कर देना आवश्यक होता है। हम डेंगू मच्छर मलेरिया कोरोना का विरोध नहीं कर. सकते हमें इसे मिटाना है इसी तरह हमने सनातन को भी मिटा देना.

उदय निधि ने अपने बयान में कहा कि सनातन क्या है. यह संस्कृत भाषा से आया एक शब्द मात्र है। सनातन समानता एवं सामाजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा यह कुछ भी नहीं, सनातन का क्या कोई अभिप्राय यह शाश्वत है। उसको बदला नहीं जा सकता । जिस पर कोई सवाल नहीं कर सकता और इसका यही मतलब है। उन्होंने ऐसा आरोप लगाया कि सनातन लोगों को जाति के आधार पर बाट कर रखा है,

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