Maharaj Review : आमिर खान इंडियन फिल्म इंडस्ट्री एक जाने-माने सुपर स्टार हैं, उन्हें किसी इन्ट्रोडक्शन की जरूरत नहीं। उनकी दमदार एक्टिंग की वजह से उन्हें मिस्टर परफेक्ट भी कहा जाता है। आमिर के बेटे जुनैद खान ने फिल्म ‘महाराज’ के ज़रिये एक्टिंग की दुनिया मे कदम रखा है। मगर अपनी पहली ही फिल्म को लेकर विवादों में घिर गए हैं। रिलीज होने के पहले ही विवादों में घिरने की वजह से यह फिल्म 21 जून को नेटफ्लिक्स (OTT) पर रिलीज हुई है।
यह फिल्म स्वतंत्रता पूर्व 1862 में घटी सत्य घटना पर आधारित है। जुनैद खान ने इस फिल्म में एक गुजराती पत्रकार करसन दास मूल जी की भूमिका निभाई है। वो फिल्म में एक धर्मगुरु का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जुनैद ने इस फिल्म में बहुत ही बेहतरीन अभिनय किया है, उनकी भूमिका बेहद दमदार है। जानकारी के लिए बता दें, जुनैद खान एक थिएटर आर्टिस्ट हैं, वो इस फिल्म से पहले 6 साल थिएटर मे कम कर चुके हैं। उन्होंने फिल्मों में आने से पहले काफी कड़ी मेहनत की है, जिसकी छाप उनके अभिनय में दिखाई देती है।
जुनैद खान इस फिल्म में धर्मगुरु के द्वारा की गई चरण सेवा परंपरा का दुरुपयोग का विरोध प्रदर्शित करते हैं। जयदीप अहलावत ने धर्मगुरु की भूमिका निभाई है। उन्होंने अपनी भूमिका को बेहतरीन ढंग से जनता के सामने प्रस्तुत किया है, जो दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है। फिल्म में जयदीप अहलावत द्वारा निभाया हुआ किरदार सबसे ज्यादा प्रभावकारी है। जयदीप बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता है उन्होंने बॉलीवुड में बहुत सारी फिल्मों में काम किया है और उनके काम को जनता ने काफी सराहा है।
जानकारी के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा था कि यह फिल्म हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाती करती है, जिसकी वजह से गुजरात हाई कोर्ट ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। जबकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जो की हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करता हो। इस फिल्म में न्यायालय में चलने वाली प्रक्रिया को दर्शाया गया है।
कुलमिलाकर इस फिल्म की कहानी का सार है कि, भगवान और भक्त के बीच में किसी तीसरे व्यक्ति की भूमिका सही नहीं है। अगर आपको ईश्वर से प्रेम है तो, इस प्रेम को प्रदर्शित करने के लिए किसी तीसरे व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है यह फिल्म भगवान की अंधभक्ति के नाम पर चलने वाली कुप्रथाओं का विरोध व्यक्त करती है।