MP News: मध्य प्रदेश में बनेगा एक और नया जिला?, लाडली बहनों ने रोका जन आशीर्वाद यात्रा का रथ  

MP News: मध्य प्रदेश में बनेगा एक और नया जिला?, लाडली बहनों ने रोका जन आशीर्वाद यात्रा का रथ  

जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा की अधूरी घोषणाओं ने नेताओं के लिए मुश्किल  खड़ी कर दी मध्य प्रदेश के बंगाली के चापड़ा में जन आशीर्वाद यात्रा पहुंची जहां भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गी को भारी हंगामा का सामना करना पड़ा, बंगाली को जिला बनाने के लिए करीब 45 वे दिन धरना प्रदर्शन चला, जिसमें बंगाली को जिला बनाओ क्षेत्र बचाओ की यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ो की संख्या में महिला, पुरुष ,युवा ,नेमावर रोड पर प्रदर्शन में शामिल हुआ। क्षेत्र की जनता सहित लाडली बहना सड़क पर प्रदर्शन किया सीएम की अधूरी घोषणाओं को याद दिलाते हुए बंगाली को जिला बनाने की मांग बढ़ती रही, दोपहर बाद से ही चापडा में बंगाली को जिला बनाने की गूंज सुनाई दी भारी पुलिस बल के बीच हाईवे में हंगामा मचा हुआ था।

MP News: मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ की राशि बढ़कर 3 हजार, शिवराज ने दी गारंटी 

रथ यात्रा को धरना स्थल पर पहुंचने से पहले जनता सड़क मार्ग के दोनों और खड़े होकर प्रदर्शन कर रही थी। विजयवर्गी ने हंगामा सुन लोगों को अपनी बात सामने रखने को कहा। बंगाली जिला बनाओ अभियान समिति के प्रवक्ता एडवोकेट मुकेश कुमार गुर्जर के द्वारा रथ यात्रा के मंच पर चढ़कर अपनी बात नेताओं के सामने रखी जहां उन्होंने कहा कि 45 दिनों से धरना पर बैठे हैं। वहीं 15 वर्ष पुरानी अपनी मांग को सीएम खुद चार बार रामायण की “चौपाई रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई, लेकिन आज तक वह अपना वादा पूरा नहीं कर पाए। बंगाली की जनता बीते 60 वर्षों से भाजपा को लगातार समर्थन देती आ रही है. पर झूठे वादे सिवा जनता को यहां कुछ नहीं मिला।

अगर बंगाली जिला बन जाता है। तो गरीब आदिवासियों की देवास से दूरी कम होगी तो हमारी आपसे स्वत ही दूरी कम हो जाएगी, गवर्नमेंट जितना छल करेगी हमारा बल उतना अधिक मजबूत होगा, जिसके जवाब में विजयवर्गी ने बताया कि मेरे पास प्रतिनिधिमंडल का ज्ञापन आया था। जो मैंने सीएम शिवराज को भेजा था पर आशीर्वाद यात्रा की व्यवस्था के चलते मुलाकात नहीं हो पाई थी। लेकिन, इसे गंभीरता से लेते हुए आपका वकील बनूंगा, उन्होंने कहा कि 24 तारीख को पूरे विषय से सीएम शिवराज को अवगत कराऊंगा, तब जाकर पूरा हंगामा शांत हुआ,

Exit mobile version