अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी न्यायालयों में हो सकेगी पेशी।
आज से देशभर मे तीन नया कानून लागू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि एक जुलाई का दिन पूरे देश और प्रदेश के लिए एक विशेष दिन है। अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानूनों को बदलते हुए तीन नए प्रकार के कानून लागू हो रहे हैं। अब दंड संहिता के बजाय न्याय संहिता की बात की जाएगी।
नए कानूनों के लागू होने को लेकर प्रदेश पुलिस भी पूरी तरह तैयार है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। सभी पुलिस थाना क्षेत्रों और जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम आयोजित कर नए कानूनों का क्रियान्वयन किया जाएगा।कार्यक्रम में वहां के पुलिस अधीक्षक, जनप्रतिनिधि सहित जिले के बुद्धिजीवी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेशभर में 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। 31 हजार से अधिक विवेचकों को प्रशिक्षित किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रस्तावित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में पहला अध्याय अब महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित सजा के प्रावधानों से संबंधित है।
साथ ही अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों के मैजेस को शामिल किया गया है। केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा। अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी न्यायालयों में पेशी हो सकेगी। अब 60 दिन के भीतर आरोप तय होंगे और मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय देना होगा। नए बदलावों के तहत जीरो एफआईआर को कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया है।