क्रिकेट जगत के होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की कहानी से आप हर कोई वाकिफ होंगे महेंद्र सिंह धोनी कप्तान कूल के नाम से जाने जाते हैं वह हालाकि इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं फिर भी IPL में वो अपना दमखम दिखा रहे हैं
क्रिकेट का हाल ऐसे हो गया है कि अगर धोनी ना रहे हैं तो लोग क्रिकेट मैच देखना पसंद नहीं करते धोनी की गई अच्छी सराहना भी है तो धोनी की एक क्षेत्र में आलोचनाएं भी होती रहती है महेंद्र सिंह धोनी सफल कप्तान है जो 28 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2011 में वर्ल्ड कप का फाइनल खिताब भारत को दिलाया था इन्हीं की कप्तानी में टीम इंडिया ने इतिहास रचा था ।
इसमें कोई शंका नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के लिए कभी नहीं खेले वह हमेशा टीम इंडिया और देश के बारे में सोच के मैदान में उतरते थे उनकी काबिलियत इतनी की विश्व के जितने भी क्रिकेट टीमें हैं सभी धोनी को पसंद करती हैं धोनी के फैसले और धोनी की कीपिंग हर किसी को मोह लेती है
किस वजह से ऐसा कहा जाता है।
जब महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के कप्तान चुने गए तब उन्होंने टीम मैनेजमेंट और सिलेक्टरों को अपना एक सुझाव दिया था उन्होंने कहा था कि एक बेहतरीन फील्डर टीम के लिए कई रन बचाता है एक युवा टीम के लिए शानदार प्रदर्शन कर सकता है तो उन्हें मौका दिया जाए धोनी का यह कहना बिल्कुल नहीं था कि टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों को निकाला जाए बल्कि उनका कहना था कि युवा खिलाड़ी टीम को अच्छा बना सकते हैं हमारे कुछ खिलाड़ी अभी सीनियर हो चुके हैं। इसी कारण वर्ष सीनियर खिलाड़ी कहीं ना कहीं टीम में जगह ना मिलना महेंद्र सिंह धोनी का कारण बताया जाता है
लेकिन जबसे महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया की कप्तानी करना शुरू किए उसके 4-5 साल के बाद ही सीनियर खिलाड़ियों ने टीम में आना-जाना प्रारंभ कर दिया उसके कुछ वर्षों के बाद सीनियर खिलाड़ियों ने सन्यास लेना प्रारंभ कर दिया जिसमें वीरेंद्र सहवाग गौतम गंभीर इरफान पठान सचिन तेंदुलकर मुनाफ पटेल आरपीसी सिंह ,
जहीर खान और कई ऐसे खिलाड़ी रहे जो टीम का हिस्सा कम ही बन रहे थे ऐसे में एक समय आया कि जब इन खिलाड़ियों को टीम में मौका बिल्कुल ना के बराबर मिलने लगा तभी इन खिलाड़ियों ने संन्यास लेना शुरू कर दिया,
किस वजह धोनी की सराहना
मौजूदा समय में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को कई ऐसे जांबाज खिलाड़ी मिले जो जो टीम इंडिया का नाम बढ़ाए। जिनमें से सुरेश रैना रविचंद्रन अश्विन रविंद्र जडेजा विराट कोहली रोहित शर्मा शिखर धवन भुवनेश्वर कुमार मोहम्मद शमी और अन्य खिलाड़ी, इसमें कोई शक की बात नहीं है कि यह खिलाड़ी टीम इंडिया के छोटे-मोटे खिलाड़ी हैं यह खिलाड़ी विश्व स्तर में अपने-अपने स्थान पर चिन्हित है चाहे विराट कोहली की बात करने या कप्तान रोहित शर्मा की सब धोनी की कप्तानी से ही चमकना शुरू किए हैं।
सीनियर खिलाड़ियों का क्या प्रतिक्रिया
गौतम गंभीर क्रिकेट जगत में एक ऐसा नाम है जिनको बॉलर देख खौफ खाते थे गौतम गंभीर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा भी था सीनियर खिलाड़ियों को मौका बराबर नहीं दिया जा रहा है जबकि अभी सीनियर खिलाड़ी यंग है और फिट है गौतम गंभीर ने कहा था वर्ल्ड कप में धोनी ही ऐसे खिलाड़ी नहीं थे जिन्होंने वर्ल्ड कप जिताया था।
उस पूरे वर्ल्ड कप में युवराज सिंह विराट कोहली गौतम गंभीर वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर और जहीर खान भी सम्मिलित थे पूरी टीम ने मेहनत की थी तब जाकर वर्ल्ड कप का खिताब भारत को मिला था, गौतम गंभीर का कैरियर वर्ल्ड कप के बाद से ही थम सा गया टीम में आना-जाना शुरू हो चुका था और 1 दिन ऐसा आया कि जब उन्हें टीम में मौका बिल्कुल नहीं मिला हरभजन सिंह ने भी कुछ ऐसा ही अपना बयान दिया था।
वर्ल्ड कप के बाद खिलाड़ियों का संन्यास
वर्ल्ड कप 2011 के बाद लगातार कई सीनियर खिलाड़ी एक के बाद एक संन्यास की घोषणा करने लगे सचिन तेंदुलकर वीरेंद्र सहवाग मुनाफ पटेल आरपीसी नी इरफान पठान हरभजन सिंह कई ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने लगातार संन्यास की घोषणा की जहीर खान और इरफान पठान भी उन्हीं खिलाड़ियों में से एक रहे खिलाड़ियों को मौका मिलता टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते थे पर उन्हें मौका ना मिल सका