पील नहीं…लाल केला खाया है कभी, जानिए कैसे किसान इससे कमा रहे हैं लाखों रुपये

सेहत के लिए केला हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा केले को पूजा पाठ से लेकर हर एक चीज में इस्तेमाल किया जाता है. यह एक ऐसा फल है जिसका स्वाद हर किसी को बेहद ही पसंद आता है तथा केले को खाने के लिए कोई मुश्किल भी नहीं करनी पड़ती बड़े ही आसानी से इसको खाया जा सकता है। केले में विटामिन सी ,विटामिन ए विटामिन बी 6 ,कार्बोहाइड्रेट, मैग्निशियम ,जिंक ,लोहा, फास्फोरस ,कैल्शियम ,सोडियम एवं पोटेशियम की मात्रा भरपूर होती है। केला इंसान का सबसे लोकप्रिय फल भी मनाया जाता है और यह काफी हेल्दी भी होता है। पर क्या हो अगर केले का रंग कुछ दूसरा हो। हम आपको जिस केले के बारे में बताने जा रहे हैं वह लाल केला है यह देखने में जितना सुंदर लगता है स्वाद में भी उतना ही गुणी है,

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कहां जाता है कि लाल केले की खेती ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से हुई है पर इसका समय समय पर अमेरिका वेस्टइंडीज और मेक्सिको तक की जा रही है। पर अब यह भारत में भी खेती का प्रचलन शुरू हो गया है जहां भारत के उत्तर प्रदेश तमिलनाड महाराष्ट्र और केरल में लाल रंग की केले उगाया जा रहे हैं। मार्केट में महंगा होने की वजह से किसान इसकी खेती कर तगड़ा मुनाफा भी कर रहे हैं केले की डिमांड इसके रंग की वजह से है इसके साथ ही इस में पाए जाने वाले beta-carotene की वजह से इसकी मांग और बढ़ रही.

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ऐसा कहा जाता है कि पीले केले के मुकाबले लाल केला की ज्यादा पैदावार होती है इसके 1 गुच्छे में लगभग 100 से 200 होते हैं और इसकी कीमत बाजारों में ₹200 प्रति दर्जन आंकी गई है। इस लाल रंग के केले की खेती शुष्क जलवायु में भी होती है इसके तने बेहद ही लंबे होते हैं वर्ष 2021 में मिर्जापुर उद्यान विभाग ने लाल केले के 5000 पौधे मांगे थे इसके बाद किसानों के बीच इन पौधों की आवंटन किया गया.

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