धर्मनेशनल हेडलाइंसलाइफ स्टाइल

पौराणिक कथाओं में बताया गया ” समुद्र का पानी क्यों होता है खारा, जानिए पूरा सच 

समुद्र के पानी के खारेपन के पीछे कई तरह की कहानी पौराणिक कथाएं मौजूद हैं। जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इन्हीं में से हम आपको पौराणिक कथाओं में इसका विस्तार बताएंगे

Why The Sea Is Salty: समुद्र नाम से ही विशाल लगता है। यह इतना विशाल है कि धरती के तिहाई हिस्से में है. पृथ्वी हमारी 70% पानी से ढकी हुई है और 29% में हम रह रहे हैं. ज्यादातर लोग समुद्र का नजारा देखने के लिए बीच में जाते हैं। कई लोग समुद्र के पानी से स्नान भी करते हैं। इस दौरान आप लोगों ने नोटिस किया होगा कि पानी के साथ आपका हाथ भी खारेपन में बदल गया होता है। क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि समुद्र का पानी खारा क्यों होता है ,दरअसल इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं आईए जानते हैं वह क्या है..

MP News:विधानसभा चुनाव में, समधी – समधन आमने सामने जानिए किसने – किसको हार का स्वाद चखाया

समुद्र मंथन के बाद हुआ खारा

पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि दुर्वासा के दिए श्राप से स्वर्ग की सुख शांति ,यश, वैभव सब नष्ट हो गया था जिसके कारण देवताओं के बीच त्राहिमाम मच गया था। दुर्वासा के श्राप से मुक्ति पाने के लिए सभी देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे उन्होंने अपनी समस्याओं का बखानन किया। वही, भगवान विष्णु ने उन्हें बताया कि यदि वह दोनों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करते हैं और उसमें से निकले अमृत को पीते हैं तो वह हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे। इसके बाद देवताओं और असुरों के बीच इस समस्या को लेकर चर्चा हुई फिर समुद्र मंथन किया गया इस दौरान अमृत कि बहुत सारे रत्न निकले, और कई तरह के पदार्थ निकले जिसके कारण समुद्र का पानी पूरा खारा हो गया।

माता पार्वती ने दिया था श्राप

दूसरी मान्यता के अनुसार माता पार्वती से जुड़ा हुआ है। आप सब जानते हैं माता पार्वती भगवान शिव की बड़ी भक्त थी और उन्हें अपने पति के रूप में पाना चाहती थी. जिसके लिए उन्होंने तपस्या करना प्रारंभ कर दिया अपनी तपस्या में लीन माता पार्वती मन ही मन भगवान शिव को अपना स्वामी मान चुकी थीं। इसी समय समुद्र देव की नजर देवी पार्वती पर पड़ी, जिन्हें देखकर समुद्र देव मोहित हो गए और उन्होंने उनसे विवाह करने का मन बना लिया.

खेतों में मजदूरी की..कर्ज लेकर लड़ा विधानसभा चुनाव, बीजेपी – कांग्रेस को हराया, बना MP के इस सीट से विधायक 

इसके बाद उन्होंने प्रस्ताव देवी की तपस्या खत्म होने के बाद रखा। जिसे सुनकर माता ने उन्हें जवाब दिया कि प्रभु शंकर को वह अपना पति मान चुके हैं, इसीलिए विवाह प्रस्ताव को ठुकराती है। उनके जवाब को सुनते ही समुद्र देव क्रोधित हो गए और उन्होंने गुस्से में आकर कहा कि आखिर ऐसा क्या है शिव में जो मुझ में नहीं। मैं पृथ्वी लोक के जीवो का प्यास बुझाता हूं। तब माता पार्वती क्रोध में आकर समुद्र देव को श्राप देते हुऐ कहती हैं, जिस जल के कारण आज तुम्हें अहंकार हो रहा है. अब यही जल किसी के पीने योग्य नहीं रहेगा। तब से लेकर आज तक समुद्र का पानी खारा हो गया इसका जल किसी के पीने योग्य नहीं रहा

खबरें आपके लिए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button