UPSSC परीक्षा 2023 में कई महीने का समय ही बचा रहता है परीक्षा से जुड़ने के लिए कई उम्मीदवार परीक्षा की तैयारी में जुट जाते है ऐसे में परीक्षा के उम्मीदवार खुद को मोटिवेट रखने के लिए पूर्व में IAS IPS और सफल उम्मीदवारों की कहानियां पढ़ते है,
इन कहानियों से उम्मीदवारों को काफी कुछ सीखने को मिलता है तथा प्रेरणा भी मिलती है इसी विषय में हम आपके लिए उन्ही आईपीएस आईएएस की सफल कहानी लेकर आए हैं ताकि आपको भी जिंदगी में कुछ भी करने की प्रेरणा मिल सके
एक ऐसी बेटी की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं जो अपने पिता को खोने के बाद भी अपने लक्ष्य को नहीं भूली और अपना लक्ष्य साधते हुए आज एक ऐसे स्थान पर पहुंच गई हैं जिनसे कई युवा प्रेरणा लेते हैं जी हां हम बात कर रहे हैं
आईपीएस दिव्या तंवर की जो तमाम मुश्किलों को पार करने के बाद एक ऐसे लक्ष्य को हासिल किया, दिव्या बीएससी की पढ़ाई कर रही थी तभी उन्होंने यह तय कर लिया था कि उन्हें यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देनी है और परीक्षा पास कर ऑफिसर बनना है
आईपीएस दिव्या तंवर का जन्म हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती है लेकिन जब दिव्या अपनी शिक्षा स्कूल से प्राप्त कर रही थी उसी दौरान दिव्या उनके परिवार पर मुश्किलों ने डेरा डाल लिया क्योंकि दिव्या के पिता की मृत्यु हो गई
उन्हें काफी छोटी उम्र में उनके पिता अकेला छोड़ गए इसके चलते पहले से ही घर की आर्थिक स्थिति बद से बदतर चल रही थी हालांकि दिव्या की मां बबीता तंवर ने कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई भी मुश्किलें नहीं आने दी
बता दें कि दिव्या स्कूलिंग नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ से कि वह कुल तीन भाई बहन है उनकी मां ने अपने तीनों बच्चों को सिलाई कढ़ाई का काम करके सभी को अपने पैर पर खड़ा होने के लायक बना दिया दिव्या तंवर ने भी अपनी ग्रेजुएशन खत्म होते ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने की तैयारी शुरू कर दी
बिना कोचिंग महज 21 साल की उम्र में ही दिव्या आईपीएस बन गई उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली ऑल इंडिया में 438 वी रैंक हासिल कर आईपीएस अफसर बन गई इसके साथ ही एक खास बात है कि दिव्या ने परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली थी उन्होंने महज खुद की पढ़ाई पर भरोसा कर परीक्षा पास किया। कहते हैं अगर व्यक्ति कुछ करने का ठान ले तो व्यक्ति कुछ करके गुजरता है आपको इस कहानी से बहुत ही प्रेरणा मिली होगी