रूफटॉप सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर। अब बिजली उत्पाद कर डिस्कॉम की सप्लाई उन्हे 25% ज्यादा भुगतान प्राप्त होगा। रिन्यूबल ऊर्जा क्रय की जिस वर्ष अधिक बिडिग मूल्य आएगी, उसमे 25 प्रतिशत राशि बराबर की जायेगी, जिसका फिलहाल बिडिंग रेट 2.61 रुपे प्रति यूनिट होगी और 25 % राशि जोड़ने पर 3. 26 रुपे यूनिट भूगतान दर हो जायेगा, राजस्थान विद्युत विनियात्मक आयोग ने इस बारे में निर्देश जारी किए है, अहम बात ये है कि सोलर पैनल से बनने वाली ऊर्जा बिजली उपयोग करने के बाद यदि उपभोक्ता डिस्काउंट से अधिक बिजली उपयोग मिलता है।
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तो उसे स्लेबवार कि दर के अनुसार शुल्क देना पड़ेगा। अभी तक स्लैब की अधिकतम दर 7.95 यूनिट ली जा रही है जिसमें औसतन ₹1 यूनिट की लगभग बचत हो रही है, लगभग 2 साल पहले भुगतान दर 3.4 रुपए प्रति यूनिट, जिसको घटकर अब कम कर दिया गया है, राजस्थान सोलर संगठन के अध्यक्ष सुनील बंसल का कहना है कि लोग खाली पड़ी छत का उपयोग रूफटॉप सोलर पैनल लगाने की तरफ अपना रुझान बढ़ा सकते हैं
अगर उपभोक्ता सोलर से उत्पादित बिजली को बिना इस्तेमाल किए सीधे डिस्काउंट को सप्लाई करता है तो उसे ब्लीडिंग रेट से 25% ज्यादा भुगतान दिया जाएगा
उन उपभोक्ताओं को 40% से अधिक भुगतान मिलेगा मसाला नहीं है की बिल्डिंग ग्रेड 2.61 रुपए प्रति यूनिट होना चाहिए इसकी 40% अधिक भुगतान राशि यानी 3.70 रुपए प्रति यूनिट होगा
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ानी होगी
क्षेत्र में सोलर पैनल की क्षमता के आधार पर ट्रांसफार्मर की क्षमता 50% तक वृद्धि की जा सकती है। इसके कई क्षेत्र ऐसे हैं। जहां ट्रांसफार्मर क्षमता के मुकाबले तिगुना तक रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन प्राप्त इससे वहां मांग के बाद जून उतारने सोलर पैनल नहीं लगाया जा सकेंगे,
जिसमें ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाकर 80% हो सकती है इसका खर्चा भी डिस्काउंट को ही उठाना होगा जिसमें सोलर पैनल का दायरा तेजी से बढ़ जाएगा,