सुप्रीम कोर्ट ने सीएए पर मंगलवार को पीएम मोदी सरकार से जवाब मांगा है। सीएए को लेकर कई याचिका दायर की गई थी कोर्ट मामले की सुनवाई 9 अप्रैल को करेगा, लेकिन शीर्ष अदालत में इस पर स्टे लगाने से भी इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं को इस संबंध में की गई मांग नहीं मानी गई CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की इस क मामले की सुनवाई कर रहे थे। सीएए को लेकर कुल 237 याचिकाएं दायर हुई थी
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सालिसीटर जनरल में मांगा समय
सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पेटीशंस और एप्लीकेशंस का जवाब देने के लिए कोर्ट से समय मांगा था। उन्होंने दलील दी कि कुल 237 पेटीशंस हैं स्टे के लिए 20 एप्लीकेशन मिले हैं। जवाब देने के लिए मुझे समय चाहिए उन्होंने कहा कि सीएए लागू होने से किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली है याचिका कर्ताओं के दिमाग में इसको लेकर पूर्वाग्रह डाला गया है
सिब्बल ने जताई आपत्ति
एसजी मेहता ने कोर्ट में कहा कि केंद्र को कम से कम एक सप्ताह का समय चाहिए इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि स्टे एप्लीकेशंस का उत्तर देने के लिए इतना समय बहुत अधिक है सिंबल ने आगे दलील दी कि अगर नागरिकता को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई तो फिर वापस नहीं ली जा सकती। उन्होंने कहा कि अगर अभी तक इंतजार किया गया है तो जुलाई में कोर्ट का फैसला आने तक इंतजार हो सकता है आखिर इतनी जल्दीबाजी क्यों है?