मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को घोषित कर दिया है अधिकतर उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज कर दिया है 15 अक्टूबर के दिन घोषित हुए 88 उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार के नाम ने विंध्य के पूरे गणित को बदल दिया है. जी हां सिरमौर विधनसभा में रीवा के युवराज दिव्यराज सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने रामगरीब कोल को मैदान में उतारा है जो आदिवासी समाज से आते हैं और अपनी सिरमौर विधनसभा के साथ साथ रीवा की बाकी सीटों पर भी काफी पकड़ रखते हैं. कांग्रेस के इस दाव को राजनीतिक पंडित बनाम रंक की लड़ाई वाली संज्ञा दिया जा रहा है।
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कौन हैं रामगरीब कोल जानिए
पूर्व विधायक रामगरीब कोल आदिवासी समाज में एक दिग्गज के रूप में जाने जाते हैं. विंध्य की राजनीति में उनका कद बहुत बड़ा है 2008 में उन्होंने ब्राह्मण बाहुल्य सीट 74 पर भाजपा के दिग्गज नेता और तत्काली मंत्री स्वर्गीय रमाकांत तिवारी को हराकर चुनाव जीता था खुशी दौरान वह चर्चा में आए थे बसपा से कांग्रेस का दामन थाम चुके राम गरीब खोल बिना में कांग्रेस की तकदीर बदलने का काम कर रहे हैं।
कांग्रेस ने आदिवासी को क्यों बनाया उम्मीदवार?
कांग्रेस पार्टी ने इस कदम से बिना की 10 फ़ीसदी कॉल आदिवासी को साधने का दाम चला है 6:30 लाख से ज्यादा की आबादी वाली कल जनजाति बिना में अच्छी पकड़ रखती है और कई सीटों में और आईफोन का भी निभा सकते हैं राम गरीब कोल को टिकट दिए जाने से सीट के साथ विंध्य के समीकरण कैसे बदलते हैं आगे देखने वाली बात होगी।